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ये दूरी क्यूँ है ?


[Painting by Donald Zolan]

*

दिलों के दरमियाँ ये दूरी क्यूँ है ?
तुम पास हो, फिर ये मजबूरी क्यूँ है ?

बडी जद्दोजहद के बाद घर आये हो,
अब आये हो, तो जाना जरूरी क्यूँ है ?

ये रात का नशा नहीं तो ओर क्या है,
हर सुबह के माथे पे सिंदूरी क्यूँ है ?

वो रुकना चाहे भी तो रुक नहीं सकता,
फिर ये वक्त की अकड, ये मगरूरी क्यूँ है ?

गर लब्जों में बयाँ हो, वो बात ही क्या,
पूछो निगाहों से बातें अधूरी क्यूँ है ?

क्यूँ भागते है साँसो के हिरन, ‘चातक’,
तेरी खुश्बु में बसी मेरी कस्तूरी क्यूँ है ?

– © दक्षेश कोन्ट्राकटर ‘चातक’

16 Comments

  1. Narendrasinh
    Narendrasinh October 10, 2014

    वो रुकना चाहे भी तो रुक नहीं सकता,
    फिर ये वक्त की अकड, ये मगरूरी क्यूँ है ?

    गर लब्जों में बयाँ हो, वो बात ही क्या,
    पूछो निगाहों से बातें अधूरी क्यूँ है ?

    बहोत खुब

    • Daxesh
      Daxesh October 25, 2014

      तहे दिल से शुक्रिया

  2. Ketul
    Ketul October 10, 2014

    Very Very Nice.

    • Daxesh
      Daxesh October 25, 2014

      Thank you !

  3. અશોક જાની 'આનંદ'
    અશોક જાની 'આનંદ' October 10, 2014

    वाह सभी शे’र बढिया… !! अच्छी गज़ल ………… दुसरे शे’रमें जो आपने ‘जद्दोजहज’ लब्ज़ का इस्तेमाल किया है वह सही में.. ‘जद्दोजहद’ होना चाहिये..

    • Daxesh
      Daxesh October 10, 2014

      Thank you Ashokbhai …I have made correction accordingly.

  4. Kishore Modi
    Kishore Modi October 10, 2014

    बहुत अच्छी गझल । मत्ला का शे’र लाजवाब

    • Daxesh
      Daxesh October 25, 2014

      किशोरभाई, आपकी होसला अफजाई के लिये बहोत बहोत शुक्रिया

  5. Rekha Shukla
    Rekha Shukla October 11, 2014

    क्यूँ भागते है साँसो के हिरन, ‘चातक’,
    तेरी खुश्बु में बसी मेरी कस्तूरी क्यूँ है ?

    – © दक्षेश कोन्ट्राकटर ‘चातक

    लाजवाब ….बहुत अच्छी गझल ।

    • Daxesh
      Daxesh October 25, 2014

      मुझे खुशी है की आपको ये गझल पसंद आयी ..

    • Daxesh
      Daxesh October 25, 2014

      આભાર કરસનભાઈ

    • Daxesh
      Daxesh October 25, 2014

      Thank you !

  6. Salim Diwan
    Salim Diwan November 25, 2014

    Its a really very nice Daxeshbhai…. well done. keep it up….

  7. Pritesh Chaudhari
    Pritesh Chaudhari January 13, 2015

    that’s too good use of words bi used .. awesome .
    I can not explain in any word. …..

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